माइक्रो इन्फ्लुएंसर क्या होते है और इनके साथ काम करने के फायदे
आज के समय में सोशल मीडिया पर अपने प्रोड्क्ट या सर्विस को इन्फ्लुएंसर के जरिए प्रमोट कराने का सबसे शानदार ऑप्शन में से एक है। लेकिन सोशल मीडिया पर कई तरह के इन्फ्लुएंसर्स मौजूद है। जिनमें छोटे से लेकर बड़े इन्फ्लुएंसर भी शामिल है। जिनमें माइक्रो-इन्फ्लुएंसर भी आते है।
आज के डिजिटल वर्ल्ड में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग सबसे अच्छी मार्केटिंग स्ट्रेजी में से उभरी हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का तेजी से ग्रो होना और उनका इस्तेमाल करने वाले लोगों की बढ़ती संख्या के साथ, कंपनियो ने अपने प्रोड्क्ट या सर्विस को बढ़ावा देने के लिए इन्फ्लुएंसर के साथ पार्टनरशिप के महत्व को पहचाना है। क्योंकि अपने प्रोड्क्ट या सर्विस को बढ़ावा देने के लिए सही इन्फ्लुएंसर्स को चुनना बेहद जरूरी हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर छोटे से से लेकर बडे़ इन्फ्लुएंसर्स मौजूद है। जिनमें से एक है माइक्रो इन्फ्लुएंसर जो काफी फॉलोइंग रखते है। इसलिए चलिए आपको बताते है माइक्रो इन्फ्लुएंसर क्या होते है और इनके फायदे क्या-क्या होते है।
पहले समझें माइक्रो इन्फ्लुएंसर क्या होते है?
माइक्रो-इन्फ्लुएंसर ऐसी पर्सनैलिटी होते हैं जिनके सोशल मीडिया पर छोटे लेकिन अच्छे कनेक्शन के साथ फॉलोअर होते हैं। इनके 1,000 से 100,000 के बीच फॉलोअर होते हैं। लेकिन उनके पास मैक्रो-इन्फ्लुएंसर की तरह ज्यादा ऑडियंस नहीं जुड़ी होती है। लेकिन उनके पास सही ऑडियंस और एंगेजमेंट रेट होती है।
माइक्रो-इन्फ्लुएंसर्स के साथ काम करने के फायदे
1. ऑथिन्टिसिटी
माइक्रो-इन्फ्लुएंसर को सेलिब्रिटी या मैक्रो-इन्फ्लुएंसर की तुलना में इन्हें ज्यादा ऑथेंटिक और भरोसेमंद माना जाता है। उनकी रिकमेंडेशन उनके फॉलोअर्स को ज्यादा जेनुइन लगती हैं। जिससे उनका भरोसा बढ़ता है।
2. हाई एंगेजमेंट रेट
इनकी फॉलोइंग कम होने के बाद भी, माइक्रो-इन्फ्लुएंसर का एंगेजमेंट रेट काफी हाई होता है। उनके फॉलोअर्स ज्यादा ट्रस्ट वाले और काफी एक्टिव होते है। जिससे ब्रांडों के लिए फायदेमंद साबित होता है।
3. कोस्ट इफेक्टिवनेस
माइक्रो-इन्फ्लुएंसर के साथ काम करना आमतौर पर मैक्रो-इन्फ्लुएंसर या सेलिब्रिटी के साथ कोलेबोरेट करने से ज्यादा अफोर्डेबल होता है। वह ब्रैंड जिनका लिमिटेड बजट होता है। उनके लिए यह काफी बेहतर ऑप्शन होते है। और माइक्रो-इन्फ्लुएंसर के साथ काम करने से आपको बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
4. niche ऑडियंस
माइक्रो-इन्फ्लुएंसर की ऑडियंस आमतौर पर एक इंटरेस्ट niche वाली होती है। इससे आप अपने प्रोडक्ट या सर्विस को सीधे उन लोगों तक पहुंचाया जा सकता हैं जो सच में इंटरेस्ट रखते है।