social media automation क्या हैं, और इससे लोगों के टच मे कैसें बनें रहें

सोशल मीडिया मैनेजर रोज के टास्क ऑटोमेशन टूल्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, ऑटोमेशन और personalized जुड़ाव के बीच सही बैलेंस बनाना भी जरूरी है। ताकि आप ह्यूमन टाच न खोएं। यही वो चीज है जो लोगों को आपको फॉलो करने और आपके साथ जुड़ने के लिए मोटिवेट करती है।

Anil Rajak Updated: September 26, 2024 5:28 AM IST

सोशल मीडिया ऑटोमेशन वर्क बैलेंस को आसान और लगातार बनाए रखने के लिए एक बेहतरीन टूल है। करीब आधे सोशल मीडिया मैनेजर अपने रोज के काम में ऐसे ऑटोमेशन टूल्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, लोगों से जुड़ाव बनाए रखने के लिए ऑटोमेशन और प्राइवेट तरीके से बातचीत के बीच सही बैलेंस बनाना जरूरी है। यही वो चीज है जो लोगों को आपके साथ जुड़ने और आपको फॉलो करने की वजह देती है।

पहले समझें सोशल मीडिया ऑटोमेशन 

सोशल मीडिया ऑटोमेशन का मतलब है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट पोस्ट करने, कमेंट का जवाब देने, और अन्य गतिविधियों को ऑटोमेशन टूल्स की मदद से अपने आप करना। इसका मकसद यह है कि आपको हर चीज़ मैन्युअली करने की ज़रूरत न हो, बल्कि कुछ टूल्स आपकी तरफ से पहले से तय शेड्यूल के मुताबिक पोस्ट्स शेयर कर दें, और कुछ काम अपने आप हो जाएं।

1. बेहतर तरीके से कंटेंट शेड्यूलिंग करें

ऑटोमेशन टूल्स जैसे Buzz Sumo, Hootsuite या buffer का इस्तेमाल करके पोस्ट्स को पहले से शेड्यूल करें। इससे आपका टाइम बचेगा आप अपने कंटेंट को लगातार पोस्ट कर पाएंगे। लेकिन इस बात का ध्यान जरूरी रखें कि हर पोस्ट को ऐसे बनाएं जिससे लोगों को लगे कि उनके लिए खास है। अपनी पोस्ट में आम बोलचाल की भाषा और उनके सवालों का जवाब शामिल करें।

2.  खुद से लोगों को रिप्लाई करें

ऑटोमेशन से रिप्लाई करने के बजाए, जब भी मुमकिन हो, खुद से लोगों के कमेंट्स का जवाब दें। इससे आपके फॉलोअर्स को लगेगा कि आप उनसे जुड़े हुए हैं। टाइम टू टाइम पर लोगों के सवालों और मैसेज का जवाब देने के लिए कुछ टाइम निकालने की कोशिश करें, ताकि वे महसूस करें कि उनके साथ आपकी personalized बातचीत हो रही है।

3. कस्टामाइज्ड मैसेज भेजे

कई सारे सोशल मीडिया ऑटोमेशन टूल्स आपको personalized मैसेज लोगों भेजने का ऑप्शन देतें हैं। इस फीचर का इस्तेमाल करके आप अपने फॉलोअर्स को उनके नाम के साथ या उनकी इंटरेस्ट के हिसाब से मैसेज भेज सकते हैं। इससे फॉलोअर्स को लगेगा कि आप उनकी जरूरतों और इंटरेस्ट को सझमतें हैं, और उनकी परवाह करते हैं।

4. interaction in real-time

रियल-टाइम बातचीत का मतलब है कि आप अपने फॉलोअर्स से तुरंत और सीधा बात करने कोशिश करें। इसके लिए लाइव आना लाइव वीडियो के जरिए आप अपने फॉलोअर्स से डायरेक्ट बात कर सकते हैं। उनकी राय जान सकते हैं। और उनके सवालों के जवाब दे सकते हैं। यह एक ऐसा मौका होता है जब फॉलोअर्स आपको रीयल टाइम में देख और सुन सकते हैं। Q&A सेशन से फॉलोअर्स के सवालों का लाइव जवाब देकर आप उनकी समस्याओं को समझ सकते हैं और उन्हें हेल्प दे सकते हैं। जिससे ऑडियंस को भी ऐसा लगता है कि वे आपकी प्राथमिकता हैं। प्लेफॉर्म की स्टोरीज में पोल या क्विज डालने से आप अपने फॉलोअर्स की राय जान सकते हैं और उन्हें कुछ मज़ेदार तरीके से इंटरैक्ट करने का मौका दे सकते हैं। यह इंटरैक्शन हल्का-फुल्का होता है। लेकिन इसका असर गहरा होता है क्योंकि फॉलोअर्स को लगता है कि उनकी राय मायने रखती है।

5. डेटा एनालिसिस से समझें फॉलोअर्स की पसंद

ऑटोमेशन टूल्स से मिले डेटा की मदद से जानें कि आपके फॉलोअर्स किस तरह की पोस्ट पसंद करते हैं। और उसी के अनुसार अपनी प्लेनिंग बदलें। इससे आप फॉलोअर्स की उम्मीदों के हिसाब से कंटेंट बना पाएंगे। जिससे वे और जुड़ाव महसूस करेंगे। ऑटोमेशन टूल्स का सही इस्तेमाल आपका टाइम को बचाएगा और आपके काम को आसान बनाएगा। लेकिन हमेशा यह ध्यान रखें कि लोगों से personalized लेवल पर जुड़ाव बनाए रखने से ही आपको सक्सेस मिल सकती हैं।