क्या आप जानते हैं कि माइक्रो और मैक्रो इन्फ्लुएंसर में क्या अंतर होता है?
मैक्रो इन्फ्लुएंसर के पास लाखों फॉलोअर्स होते हैं और उनका प्रभाव बड़े पैमाने पर होता है. वह कई अलग-अलग टॉपिक पर कंटेंट बनाते हैं और उनकी पहुँच बहुत बड़ी होती है, लेकिन इंगेजमेंट रेट माइक्रो इन्फ्लुएंसर की तुलना में कम हो सकती है.
माइक्रो इन्फ्लुएंसर और मैक्रो इन्फ्लुएंसर में सबसे बड़ा अंतर यह उनके फॉलोअर्स की संख्या में होता है. माइक्रो इन्फ्लुएंसर के पास 10,000 से 1 लाख तक फॉलोअर्स होते हैं और वह एक खास Niche (जैसे फैशन, फिटनेस, या खाना) में माहिर होते हैं. उनकी ऑडियंस छोटी होती है, लेकिन उनसे जुड़ाव ज्यादा होता है. मैक्रो इन्फ्लुएंसर के पास लाखों फॉलोअर्स होते हैं और उनका प्रभाव बड़े पैमाने पर होता है. वह कई अलग-अलग टॉपिक पर कंटेंट बनाते हैं और उनकी पहुँच बहुत बड़ी होती है, लेकिन इंगेजमेंट रेट माइक्रो इन्फ्लुएंसर की तुलना में कम हो सकती है.
इस आर्टिकल में सभी जरूरी पॉइंट्स को कवर किया है-
- मैक्रो इन्फ्लुएंसर कौन होते है
- मैक्रो इन्फ्लुएंसर की Properties
- माइक्रो इन्फ्लुएंसर कौन होते है
- माइक्रो इन्फ्लुएंसर की Properties
- माइक्रो और मैक्रो इन्फ्लुएंसर के बीच का अंतर
- माइक्रो और मैक्रो इन्फ्लुएंसर का सिलेक्शन कैसे करें
1.मैक्रो इन्फ्लुएंसर कौन होते है
मैक्रो इन्फ्लुएंसर वह लोग होते हैं, जिनके पास लाखों फॉलोअर्स होते हैं. यह इन्फ्लुएंसर आम तौर पर सेलिब्रिटी, मॉडल, या अन्य पब्लिक सेलिब्रिटीज होते हैं. उनके पास एक बड़ा, वाइड ऑडियंस होता है, लेकिन उनके फॉलोअर्स के साथ पर्सनल संबंध कम होता है.
मैक्रो इन्फ्लुएंसर की Properties
- लाखों फॉलोअर्स
- Wide ऑडियंस
- हाई रीच
- लेस पर्सनल इनवॉलमेंट
- हाई ब्रांड डील प्राइज
2.माइक्रो इन्फ्लुएंसर कौन होते है
माइक्रो इन्फ्लुएंसर के पास मैक्रो इन्फ्लुएंसर की कम्पेयर में कम फॉलोअर्स होते हैं, आमतौर पर कुछ हजार से लेकर कुछ दस हजार तक. हालांकि, उनके पास अपने ऑडियंस के साथ एक मजबूत और ज्यादा पर्सनल रिलेशन होता है.
माइक्रो इन्फ्लुएंसर की Properties
- कुछ हजार से दस हजार फॉलोअर्स
- स्पेसिफिक ऑडियंस
- हाई Engagement
- Low ब्रांड डील प्राइस
माइक्रो और मैक्रो इन्फ्लुएंसर के बीच का अंतर
विशेषता(Speciality) | मैक्रो इन्फ्लुएंसर | माइक्रो इन्फ्लुएंसर |
फॉलोअर्स | लाखों | कुछ हजार से दस हजार |
ऑडियंस | व्यापक(Comprehensive) | स्पेसिफिक |
जुड़ाव(association) | लेस | हाई |
रिच | हाई | लेस |
ब्रांड डिल प्राइस | हाई | लेस |
माइक्रो और मैक्रो इन्फ्लुएंसर का सिलेक्शन कैसे करें
- किसी स्पेसिफिक ब्रांड या प्रोडक्ट के लिए कौन से टाइप का इन्फ्लुएंसर सबसे अच्छा है, यह कई कारणों पर निर्भर करता है, जैसे कि टारगेट ऑडियंस, बजट, और ब्रांड की इमेज.
- मैक्रो इन्फ्लुएंसर- बड़ी संख्या में लोगों तक तेजी से पहुंचने के लिए अच्छे होते हैं, लेकिन उनके साथ काम करने की लागत अधिक होती है.
- माइक्रो इन्फ्लुएंसर- ज्यादा पर्सनल और इफेक्टिव हो सकते हैं, क्योंकि उनके ऑडियंस के साथ उनका मजबूत संबंध होता है.
- कई बार, ब्रांड दोनों तरह के इन्फ्लुएंसर का इस्तेमाल करते हैं, एक लंबे-चौड़े पहुंच के लिए मैक्रो इन्फ्लुएंसर और ज्यादा पर्सनल कनेक्शन के लिए माइक्रो इन्फ्लुएंसर. अंत में, माइक्रो और मैक्रो इन्फ्लुएंसर दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं. सही इन्फ्लुएंसर को चुनना एक ब्रांड की मार्केटिंग स्ट्रेटजी के लिए बहुत जरूरी है.