फेसबुक इंन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में सामान्य समस्याएं और उनसे निपटने के “अचूक तरीके”
फेसबुक प्लेटफॉर्म पर इंन्फ्लुएंसर मार्केटिंग अपनी पहुंच और जुड़ाव बढ़ाने के लिए एक लोकप्रिय और प्रभावी रणनीति है। हालांकि, इंन्फ्लुएंसर मार्केटिंग करते समय याद रखें कि इसके साथ कई सामान्य मुद्दे और चुनौतियाँ भी है जो इसके साथ आती हैं।
इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग आजकल ब्रांडों के लिए एक लोकप्रिय मार्केटिंग रणनीति बन गई है। फेसबुक इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसने ब्रांड्स को गुप्त यानि कि इंडायरेक्टली (indirectly) तरीके से अपने बिजनेस को ग्रो करने का एक नया तरीका प्रदान किया है अपने प्रोडक्ट और सर्विसेज का प्रचार-प्रसार करने के लिए। इसके साथ ही यह एक जरिया भी है जिसके माध्यम से पूरे विश्व में अलग- अलग देशों के उपयोगकर्ताओं तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। लेकिन इसके साथ ही, इस क्षेत्र में कई चुनौतियां भी हैं जिन्हें सामान्य मुद्दों के रूप में संबोधित किया जा सकता है।
आज हम इस लेख में हम उन सामान्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे जो इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में आते हैं वह कैसे इस क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों को कैसे पार कर सकते है।
जानें फेसबुक इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में सामान्य चुनौतियां और समस्याएं
- Identified authentic और fake इन्फ्लुएंसर की पहचान: कई बार ब्रांड्स को असली ऑथेंटिक और फेक (fake) इन्फ्लुएंसर की पहचान कर पाना मुश्किल हो जाता है। इस गलती के कारण उनके ब्रांड की छवि भी खराब हो सकती है।
- महंगे इंफ्लुएंसर से कोलेब्रेट न कर पाना : कई बार इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग फीस काफी महंगी हो सकती है। छोटे ब्रांड्स को विशेषकर (especially) बड़े इन्फ्लुएंसर्स के साथ काम करने का इरादा कई बार उनके फीस की कारण ही छोड़ना पड़ता है।
- ROI जांचने में मुश्किल: इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (ROI) को मापना मुश्किल होता है।
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इंफ्लुएंसर का ब्रांड फिट न होना: हर इन्फ्लुएंसर हर ब्रांड के लिए सही नहीं होता है। ब्रांड को ऐसे इन्फ्लुएंसर को चुनना होता है जो उनके ब्रांड के साथ मेल खाता हो।
- नैतिकता का पालन न करने वाले इंफ्लुएंसर: कई बार इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में एथिक्स का पालन करने वाले मुद्दे उठते हैं जैसे कि स्पॉन्सर किए गए कंटेंट को स्पष्ट रूप से अपने दर्शकों के आगे न बताना।
इन चुनौतियों को ऐसे पार करें?
- इन्फ्लुएंसर को चुनते समय सावधानी बरतें:
- इन्फ्लुएंसर के फॉलोअर्स की संख्या के साथ-साथ उनकी एंगेजमेंट को भी देखें।
- इन्फ्लुएंसर के कंटेंट की क्वालिटी का मूल्यांकन या जांच करें।
- इन्फ्लुएंसर के साथ पिछले ब्रांडों के साथ काम करने का अनुभव व पास्ट एक्सपीरियंस पूछें।
- बजट का ध्यान रखें:
- माइक्रो-इन्फ्लुएंसर्स के साथ काम करना एक किफायती बजट वाला विकल्प हो सकता है।
- इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के लिए एक स्पष्ट बजट बनाएं।
- ROI को मापें:
- स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें और उन लक्ष्यों को मापने के लिए मेट्रिक्स का उपयोग करें।
- वेबसाइट ट्रैफिक, सोशल मीडिया पर बातचीत और बिक्री जैसी चीजों को ट्रैक करें।
- ब्रांड फिट इंफ्लुएंसर पर ध्यान दें:
- ऐसे इन्फ्लुएंसर चुनें जो आपके ब्रांड के मूल्यों और दर्शकों के साथ मेल खाते हों।
- नैतिकता का पालन करें:
- स्पॉन्सर किए गए कंटेंट को स्पष्ट रूप से बताएं।
- FTC दिशानिर्देशों का पालन करें।
इसी तरह ब्रांड्स को अपने दर्शकों के साथ विश्वास बनाए रखने के लिए प्रभावशाली लोगों को किसी भी pre-planned साझेदारी या भुगतान किए गए प्रचार का खुलासा करने के लिए प्रोत्साहित और motivate करना चाहिए। यह एक पेड प्रमोशन है कैप्शन में स्पष्ट खुलासा करने के लिए य #ad या #sponsored जैसे हैशटैग का उपयोग करके किया जा सकता है। चूंकि फेसबुक इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना आवश्यक है, तो इनसे कैसे सही तरीकों से निपटा जाए इसकी जानकारी होना आवश्यक है वरना आपकी मुश्किलें और भी ज्यादा बढ सकती है। ध्यान रखें कि चुनौतियों को पार करने के लिए ब्रांडों को सावधानीपूर्वक प्लानिंग बनानी होगी और सही इन्फ्लुएंसर्स के साथ काम करना होगा।