ब्रांड्स इन्फ्लुएंसर्स में क्या देखते हैं?
ब्रांड्स ऐसे इन्फ्लुएंसर्स की तलाश में रहते हैं जिनके ऑडियंस उनके टारगेट कस्टमर सोशल क्लास से मिलते-जुलते हों और जिनके पास बड़ा और एक्टिव फॉलोअर बेस हो.
ब्रांड्स ऐसे इन्फ्लुएंसर्स की तलाश में रहते हैं, जिनके ऑडियंस उनके टारगेट कस्टमर सोशल क्लास से मिलते-जुलते हैं और जिनके पास बड़ा और एक्टिव फॉलोअर बेस हो. इन्फ्लुएंसर का persona और वैल्यू ब्रांड के साथ मेल खाने चाहिए, साथ ही वह अपने ऑडियंस के साथ अच्छा संबंध बना सकें. अच्छी क्वालिटी के कंटेंट बनाना और अपने ऑडियंस को इंगेज करना भी जरूरी है. इसके अलावा, ब्रांड्स ऐसे इन्फ्लुएंसर पसंद करते हैं, जो रिजल्ट को मेसर करे सकें और जिनके साथ अच्छा collaboration हो सके. इन्फ्लुएंसर का सही प्लेटफॉर्म पर एक मजबूत मौजूदगी होनी भी जरूरी है. इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग आज के समय में एक इम्पोर्टेंस स्ट्रेटेजी बन गई है. लेकिन ब्रांड्स किस तरह के इन्फ्लुएंसर्स की तलाश में रहते हैं? आइए जानते हैं-
ऑडियंस बेस
टारगेट ऑडियंस : ब्रांड्स ऐसे इन्फ्लुएंसर्स की तलाश में रहते हैं, जिनके ऑडियंस उनके टारगेट कस्टमर सोसल क्लास से मिलते-जुलते हों.
ऑडियंस की Quantity और Quality: बड़ी संख्या में फॉलोअर्स बहुत जरूरी हैं, लेकिन इससे ज़्यादा जरुरी है कि उनके फॉलोअर्स कितने एक्यू और इंगेज्ड हैं.
इन्फ्लुएंसर Persona और ब्रांड फिट
इन्फ्लुएंसर persona और ब्रांड फिट: इन्फ्लुएंसर का वैल्यू और इंटरेस्ट ब्रांड के साथ मेल खाना जरूरी है.
ऑथेंटिसिटी: ब्रांड्स ऐसे इन्फ्लुएंसर्स को पसंद करते हैं जो अपने ऑडियंस के साथ ऑथेंटिसिटी रिलेशन बनाते हैं.
कंटेंट speciality
कंटेंट क्रिएशन capacity: इन्फ्लुएंसर के कंटेंट की क्वालिटी, क्रिएटिविटी और सीन अपील जरूरी होती है.
इंगेजमेंट रेट: इन्फ्लुएंसर के पोस्ट्स पर लाइक्स, कमेंट्स, और शेयर की नम्बर ब्रांड्स के लिए जरूरी होती है.
scalability और रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (ROI)
रिजल्ट मेजर करने की क्षमता: ब्रांड्स ऐसे इन्फ्लुएंसर्स के साथ काम करना पसंद करते हैं जो अपने काम के रिजल्ट को माप सकें।
ROI पर ध्यान: ब्रांड्स को यह जानना होता है, कि इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग से उन्हें कितना रिटर्न मिलेगा.
Reliability और Trustworthiness
Reliability: ब्रांड्स ऐसे इन्फ्लुएंसर्स के साथ काम करना पसंद करते हैं, जिन पर भरोसा किया जा सकता है.
एथिक्स: इन्फ्लुएंसर की क्रेडिट और मोरल price ब्रांड के लिए जरूरी होते हैं.
Collaboration कैपेसिटी
ब्रांड के साथ काम करने की इच्छा: इन्फ्लुएंसर का ब्रांड के साथ collaboration करने का स्टान्स जरूरी होता है.
पंक्चुअलिटी: इन्फ्लुएंसर की पंक्चुअलिटी और प्रोफेशनलिज्म की वैल्यू की जाती है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर appearance
सही प्लेटफॉर्म पर उपस्थिति: ब्रांड्स ऐसे इन्फ्लुएंसर्स को पसंद करते हैं, जो उनके टारगेट कस्टमर के active होने वाले प्लेटफॉर्म पर मौजूद हों.
प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शन: इन्फ्लुएंसर के सभी प्लेटफॉर्म पर display को analysis किया जाता है.