इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग की दुनियां: “जानें क्या है बढ़ती चुनौतियां और छिपे अवसर” !!
इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग एक ऐसा शक्तिशली उपकरण है जो आपके व्यवसाय को सफल बनाने के लिए कई सारे लाभ तो देता है लेकिन इसमें चुनौतियां भी उतनी ही होती है आइए इसके कुछ बुनियादी बातों पर एक नज़र डालते हैं।
आजकल इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग एक तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है। इंस्टाग्राम, टिकटॉक या फेसबुक पर स्क्रॉल करते हैं तो आपको कई सारे इन्फ्लुएंसर अक्सर नजर आते होंगे जो सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स की संख्या रखते है और वह सभी लोग ब्रांडों को प्रमोट करके लाखों रुपये कमा रहे हैं। लेकिन, क्या आपको पता है? इस क्षेत्र में आज अवसर पाने के साथ कई चुनौतियाँ भी हैं। आइए जानते हैं कि तेजी से बढ़ते इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के क्षेत्र में आपको किस तरह के लाभ और चुनौतियों से लड़ना पड़ सकता है।
इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में चुनौतियाँ
- इन्फ्लुएंसर्स के नकली फॉलोअर्स: आज की तारीख में सोशल मीडिया पर कई इन्फ्लुएंसरों के फॉलोवर्स नकली होते हैं, जिससे ब्रांड उनके झांसे में आ जाते हैं और उनको नुकसान हो सकता है।
- प्रमोशनकी महंगी कीमत: कुछ इन्फ्लुएंसर्स की फीस बहुत ज्यादा होती है, जिससे छोटे ब्रांडों के लिए यह एक महंगा विकल्प बन जाता है और इस तरह कई सारें व्सवसायों को अच्छा प्रभावशाली व्यक्ति से अपना प्रमोशन कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
- नियमों का न होना कानूनी समस्या: कई देशों में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के लिए स्पष्ट नियम नहीं हैं, जिससे ब्रांडों को धोखाधड़ी और, ब्रांड की गलत छवि दिखाने के लिए गलत फीडबैक देने, झूठे फॉलोवर्स ब्रांड से पैसा वसूलने जैसे मामलों में कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- कैम्पेन का असर जांचना मुश्किल: कई बार यह जानना मुश्किल हो सकता है कि एक इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग अभियान का लक्ष्य कितना प्रभाव डालने में सफल रहा है।
- ब्रांड और इन्फ्लुएंसर के मैच न होना: कुछ इन्फ्लुएंसर अपने ब्रांड के साथ मेल नहीं खाते हैं ऐसे इन्फ्लुएंसर्स के प्रमोशन करने के कारण ब्रांड की छवि खराब हो सकती है।
इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में अवसर
- टार्गेट ऑडियंस: इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के माध्यम से ब्रांड अपने लक्षित दर्शकों तक आसानी से सीधा जुड़कर अपना सेवा पहुंचा सकते हैं।
- विश्वसनीयता: सोशल मीडिया का क्रेज इतना है, कि इन्फ्लुएंसरों की सिफारिशें या उनके बताए गए फीडबैक व रिव्यू का लोगों पर अधिक प्रभाव ज्यादा और जल्दी पड़ता हैं क्योंकि वे उन्हें दोस्त या परिवार के सदस्य जैसा खास मानते हैं।
- क्रिएटीविटी्ि: इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में किसी भी ब्रांड के प्रोडक्ट औऱ सेवाओं को क्रिएटीविटी से पेश करने की गुंजाइश ज्यादा होती है।
- नए बाजार: इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के माध्यम से ब्रांड नए बाजारों में प्रवेश कर सकते हैं।
- ब्रांड जागरूकता: इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के द्वारा ब्रांड जागरूकता, ग्राहकों की संख्या और मूल्य बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है।
इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग एक शक्तिशाली उपकरण है। लेकिन इसे प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने के लिए ब्रांडों को सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में आपको मार्केट में जितना ऊपर उठाने की शक्ति है। वैसे ही आपको पूरी तरह मार्केट में नष्ट करने की भी पॉवर है। इस कारण ब्रांड को अपने लिए काफी सोच विचार करके ही सही इन्फ्लुएंसर का चयन करना चाहिए और अपनी मार्केटिंग में आर्टिकल में बतायी गई जानकारी को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनाना चाहिए।