सर्च इंजन पर पेजों को रैंक कराने के 7 Advanced SEO Techniques

आपने कभी सोचा है कि जब आप इंटरनेट पर कोई खोज करते हैं, तो कैसे यह निर्णय लिया जाता है कि कौन से पेज सबसे ऊपर दिखाए जाएं? चलिए जानते हैं कि सर्च इंजन पेजों को कैसे रैंक करते हैं।

Sakshi Sharma Updated: September 06, 2024 8:40 AM IST

"सर्च इंजन" जैसे Google, Bing और Yahoo हर रोज़ अरबों खोज क्वेरीज़ का सामना करते हैं। इन क्वेरीज़ के जवाब में, वे लाखों वेबसाइटों से डेटा खींचते हैं और सबसे सुविधाजनक रिजल्ट्स को उपयोगकर्ता के सामने पहले पेज पर टॉप रैंक कर पेश करते हैं। लेकिन अक्सर आपके मन में ये सवाल उठता होगा कि सर्च इंजन आखिर ये कैसे तय करते हैं कि कौन सी Website सबसे ऊपर दिखाई देगी? आइए इस सवाल का जवाब विस्तार से जानते हैं।

How SEO rank pages

"सर्च इंजन पेजों को रैंक कराने में SEO का महत्व-

SEO (Search Engine Optimization) एक ऐसी रणनीति है जिसका उपयोग वेबसाइटों को सर्च इंजन में ऊपर लाने के लिए किया जाता है। SEO के माध्यम से आप अपनी वेबसाइट को सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं और अपनी वेबसाइट पर अधिक ट्रैफिक प्राप्त कर सकते हैं।

सर्च इंजन कैसे काम करते हैं?

सर्च इंजन तीन मुख्य चरणों में काम करते हैं:-

  1. क्रॉलिंग: सर्च इंजन के रोबोट (स्पाइडर या क्रॉलर) वेब पर घूमते रहते हैं और नए पेजों को खोजते हैं। वे इन पेजों के लिंक को फॉलो करते हैं और इस तरह वेब का एक विशाल नेटवर्क बनाते हैं।
  2. इंडेक्सिंग: क्रॉल किए गए पेजों को इंडेक्स में संग्रहित किया जाता है। इंडेक्स एक विशाल डेटाबेस है जिसमें वेब पेजों के बारे में सभी जानकारी होती है, जैसे पेज का शीर्षक, URL, कंटेंट आदि।
  3. रैंकिंग: जब कोई उपयोगकर्ता कोई खोज क्वेरी करता है, तो सर्च इंजन अपने इंडेक्स को स्कैन करते हैं और सबसे सुविधाजनक क्वेरी से मिलती जुलती जानकारी देने वाली वेबसाइट परिणामों को ढूंढते हैं। फिर ये परिणामों को रैंक करते हैं और उपयोगकर्ता को दिखाते हैं।

सर्च इंजन पर वेबसाइट के पेजों को कैसे कराएं टॉप रैंकिग, पढ़े 7 उपयोगी टिप्स-

आपके पास ढेर सारा ऐसा कंटेंट होगी जो रैंकिंग में नहीं है और उससे आपको कोई ट्रैफ़िक नहीं मिलता। तो आप उस सारे कंटेंट के साथ क्या करते हैं? बहुत से लोग कहेंगे कि आप इसे बस हटा दें - छाँटें और डिलीट कर दें जबकि ऐसा करना गलता हैं क्योंकि ऐस करने पर आपके SEO पर नकारात्मक (Negative) प्रभाव पड़ सकता है। तो आइए जानते हैं कि आपको उस पुराने कंटेंट का क्या करना चाहिए

  • अपने पुराने कंटेंट को Reoptimize करें- अगर आपके पास कोई पुराना कंटेंट है जो आपके लिए काम नहीं कर रहा है, पुराने कंटेंट को हटाने व डिलीट करने के बजाय उसे आॉटिमाइज करें, समय के साथ उस कंटेट पर जो जानकारी दी बै आपने उसे अपग्रेड करें। इस तरह आपका पुाराना ब्लॉग और आर्टिकल Google रैंकिंग में अपना स्थान सुरक्षित (Safe) बनाए रखेगा।
  • अपनी वेबसाइट के Internal linking प्रोसेस पर ध्यान दें- अपनी वेबसाइट के बैकेंड पर Internal linking प्रोसेस पर काम करें। ऐसा इसलिए करें क्योंकि यदि कोई आपकी वेबसाइट पर आता है और किसी विशेष कंटेंट विषय के बारे में जानकारी सर्च करता है, तो उसके पास एक पॉप-अप नोटिफिकेशन आता है? क्या यह वह जानकारी है जो आप चाहते हैंइस तरह उनका जवाब पाकर आप अपने दर्शकों को जोड़े रख सकते हैं।
  • Page Speed को बढ़ाए- कई बार पुराने कंटेंट पर कम ट्रैफिक आने के कारम पेज स्पीड बी धीमी हो जाती है, Blog या Website के लिये loading speed बहुत मायने रखता है अगर आपकी site speed नही दे रही है तो कोई भी user site पर अधिक समय तक रुक नही पायेगा और वह वहां से निकल जायेगा। इससे आपका SEO पर और ट्रैपिर काउंट दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  • पुराने ब्लॉग से बेकार की जानकारी हटाएं- कई बार ऐसा होता है कि आपका ब्लॉग में दिया गया कंटेंट की जानकारी काफी पुरानी होती है, लेकिन इस समय के साथ न बदलना आपकी कंटेंट की रैंकिग गिराने में सबसे ज्यादा इम्पेक्ट करता है, तो अगर आप चाहते हैं कि Google आपके कंटेंट को ऑथेंटिक और मानकर नोटिस या ऑब्जर्व कर सके। तो ध्यान रखें कि पुराने कंटेंट की पुरानी जानकारी को खत्म कर आज ही फ्रेश जानकारी अपडेट करें।
  • पुराने कंटेंट के Relevant Pages पर Schema Markup करना- जब आप अपने पुराने कंटेंट को अपडेट कर इसकों काफी अच्छा बना लेते है तो आप आप इसे ज़्यादा से ज़्यादा वेबसाइट विज़िटर को दिखाना चाहेंगे तो आप ऐसा करने के लिए अपने कंटेंट के कुछ Relevant Pages पर Schema Markup कर सकते हैं जो गूगल को आपका कंटेटं आसानी से समझने में मदद करता है जिससे Google आपके कंटेंट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक रेकेमंड करता है।
  • Meta Optimization करना- जब आप अपने पुराने कंटेंट को दोबारा गूगल में खास जगह दिलाना चाहते हैं तो तो अपने कंटेंट को अपग्रेड करने के बाद मेटा ऑपटमाइज करना न भूलें Meta को ऑप्टमाइज करने के लिए आप SEO Title, Description, Keywords, Slug को सही ढंग से क्रिएट करना न भूलें इसे क्रिएटिव बनाने की कोशिश करें। मेटा को डायनेमिक तरीके से क्रिएटिव बनाकर आप अपने पुराने ऑडियंस के साथ -साथ नए ऑडियंस को भी अट्रैक्ट कर सकते हैं।
  • पुराने कंटेंट Image SEO करना- सही तरीके से इमेज का SEO करने पर आपके पोस्ट के साथ-साथ इमेज भी सर्च इंजन में रैंक करता है, जिससे आपको बढ़िया ट्रैफिक मिल सकता है। जब आप फीचर इमेज add करते समय अपनी इमेज का सही ऑॉटमाइजेशन करने के लिए Alt और Caption सही तरीके से डालना होता है, ऐसा करने से आपकी फीचर इमेज सर्च इंजन यानि कि Google में टॉप पर रैंक करती है और उस इमेज के जरिए आपके ब्लॉग पर अच्छा खासा ट्रैफिक आता है।

सर्च इंजन पेजों को रैंक कराते समय इन बातों का रखें ध्यान?

सर्च इंजन पेजों को रैंक करने के लिए कई कारकों का उपयोग करते हैं, जिन्हें रैंकिंग एल्गोरिदम कहा जाता है। ये एल्गोरिदम लगातार बदलते रहते हैं, लेकिन कुछ प्रमुख कारक हमेशा महत्वपूर्ण रहते हैं:

  • कंटेंट की Readability: सर्च इंजन उस कंटेंट को अधिक महत्व देते हैं जो उपयोगकर्ता की खोज क्वेरी से सबसे अधिक मेल खाता हो और पढ़ने में आसान हो।
  • कीवर्ड (keyword): वेबसाइट पर इस्तेमाल किए गए कीवर्ड्स का बहुत महत्व होता है।
  • बैकलिंक (Backlink): अन्य वेबसाइटों से आपकी वेबसाइट पर आने वाले लिंक को बैकलिंक (Backlink) कहते हैं। बैकलिंक की संख्या और क्वालिटी आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को बढ़ाने में प्रभावित करती है।
  • यूजर एक्सपीरियंस (user Experience): सर्च इंजन उन वेबसाइटों को अधिक महत्व देते हैं जो उपयोगकर्ताओं को अच्छा एक्सपीरियंस देती हैं। इसमें Website की स्पीड, डिज़ाइन और नेविगेशन शामिल है।
  • मोबाइल-फ्रेंडली (Mobile-Friendly): आजकल अधिकांश लोग अपने स्मार्टफोन से सर्च करते हैं। इसलिए, सर्च इंजन उन वेबसाइटों को प्राथमिकता (Priority) देते हैं जो मोबाइल डिवाइस पर अच्छी तरह से काम करती हैं।
  • साइट का समय (Age of Website): पुरानी वेबसाइटों को नई वेबसाइटों की तुलना में अधिक भरोसेमंद माना जाता है।
  • सोशल सिग्नल्स (Social Signals): सोशल मीडिया पर आपकी वेबसाइट के बारे में बातचीत भी आपकी रैंकिंग को प्रभावित कर सकती है।

निष्कर्ष (Conslusion)-

सर्च इंजन (Search Engine) पेजों को रैंक करने के लिए कई सारे कारकों का उपयोग करते हैं। SEO का लक्ष्य इन कारकों को प्रभावित करके अपनी वेबसाइट की रैंकिंग को बेहतर बनाना है। अगर आप भी अपनी वेबसाइट को टॉप रैंक करना चाहते हैं। तो कीवर्ड्स, कंटेंट क्वॉलिटी और बैकलिंक्स जैसे महत्वपूर्ण एलेमेंट्स का ध्यान रखना आवश्यक है हालांकि, यह ध्यान रखना ज्यादा महत्वपूर्ण है कि सर्च इंजन के एल्गोरिदम लगातार बदलते रहते हैं, इसलिए SEO एक लगतार चलने वाला प्रोसेस है, तो इसे अपडेट करते रहें।

अधिक जानने के लिए आप इन विषयों पर गौर कर सकते हैं:

  • ऑन-पेज SEO (On- Page SEO)
  • ऑफ-पेज SEO (Off- Page SEO)
  • तकनीकी SEO (Technical SEO)
  • स्थानीय SEO (Local SEO)
  • वॉइस सर्च SEO (Voice Search SEO)

 उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। क्या आपके मन में कोई और सवाल है तो आप हमसे कमेंट्स में बता सकते है।