SEO Best Practice: जानें अपनी Website को Rank कराने के स्मार्ट तरीके
SEO की इन Best Practice का पालन करने से आप अपनी वेबसाइट की रैंकिंग में सुधार कर सकते हैं और अपनी किसी भी वेबसाइट को रिजल्ट पेज में कराए टॉप रैंक।
SEO, यानी Search Engine Optimization,एक ऐसी प्लानिंग है जो आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन के Results में ऊपर दर्शाने में मदद करती है। यह एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई कारक यानि कि फैक्टस शामिल होते कर SEO को ऑप्टिमाइज किया जाता है जिससे कि आपकी वेबसाइट सबसे टॉप पर नजर आ सके। इसे गहराई से समझने के लिए इस लेख में, हम SEO की बेस्ट प्रैक्टिस करने के तरीकों के बारे में चर्चा करेंगे।
SEO की बेस्ट प्रेक्टिस करने के लिए सबसे पहले हमें इसके बारें में बेसिक जानकारी होनी चाहिए जैसे कि SEO दो प्रकार के होते है।
- ऑन- पेज SEO
- ऑफ- पेज SEO
1- ऑन-पेज SEO
ऑन-पेज SEO आपकी वेबसाइट के भीतर यानि कि आपके वेबसाइट्स के अंदर किए जाने वाले ऑप्टिमाइज़ेशन को संभालने का कार्य करता है। इसमें कई सारें Elements पर ध्यान देना होता है।
- कीवर्ड रिसर्च (keyword Research): यह ऑन- पेज SEO का सबसे पहला स्टेप है। ऑन- पेज SEO की प्रोसेस आपके Target audience द्वारा उपयोग किए जाने वाले खास शब्दों और वाक्यांशों (Words and Sentences) को पहचानने के बारे में होती है। इन कीवर्ड्स को आपके कंटेंट में नेचुरल तरीके से शामिल करें।
- Relevant और Authoritative कंटेंट पब्लिश- Google आपके कंटेंट को ऑथेंटिक और मानकर नोटिस या ऑब्जर्व कर सके ऐसा करने के लिए आपको कंटेंट की पुरानी जानकारी को खत्म कर आज ही फ्रेश Relevant और Authoritative कंटेंट पब्लिश जानकारी अपडेट करें।
- कंटेंट क्रिएशन (Content Creation): याद रखें कि अच्छी क्वालिटी वाला, जानकारीपूर्ण और उपयोगकर्ताओं के लिए केंद्रित (Focusing and attractive) और सुविधापूर्ण कंटेंट बनाएं। यह आपके दर्शकों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होना चाहिए और उन्हें आपके वेबसाइट पर रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
- कीवर्ड ऑप्टिमाइज़ेशन (Keyword Optimization): अपने कीवर्ड्स को आपके कंटेंट में नैचुरल तरीकें से शामिल करें, लेकिन Keywords का ओवर इस्तेमाल या-ऑप्टिमाइज़ेशन से बचें।
- हेडिंग्स और सबहेडिंग्स (Heading and Sub-Headings) : आपके कंटेंट को पढ़ने में आसान बनाने के लिए हेडिंग्स और सबहेडिंग्स का उपयोग करें। इनमें भी आपके कीवर्ड्स शामिल हो सकते हैं।
- इमेज ऑप्टिमाइज़ेशन (Image Alt implementation): अपनी इमेजों का सही नाम दें और उन्हें alt टेक्स्ट प्रदान करें। यह सर्च इंजन को आपकी इमेज के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
- URL स्ट्रक्चर (Structure): Google को आपके URL को समझने में आसानी हों और आपके कीवर्ड्स को आसानी से कैच कर सकें इसलिए इसमें भी आपके keywords को शामिल करना चाहिए।
- इंटरनल लिंकिंग (Internal Linking) : अपनी वेबसाइट के अलग- अलग पेजों को एक-दूसरे से लिंक करें। यह सर्च इंजन को आपकी वेबसाइट के स्ट्रक्चर को समझने में मदद करता है।
- Schema Markup करना- अपने कंटेंट के कुछ Relevant Pages पर Schema Markup गूगल को आपका कंटेटं आसानी से समझने में मदद करता है जिससे Google आपके कंटेंट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक रेकेमंड करता है।
ऑफ-पेज SEO
ऑफ-पेज SEO आपकी वेबसाइट के बाहर की एक्टिविटीज और फार्मेट पर काम करता है।
- बैकलिंक बिल्डिंग (Backlink Building): अन्य दूसरी वेबसाइटों से अपनी वेबसाइट पर लिंक प्राप्त करना। यह सर्च इंजन को बताता है कि आपकी वेबसाइट महत्वपूर्ण है इसे सबसे ऊपर दर्शाना है।
- सोशल मीडिया मार्केटिंग (Social Media Marketing): सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी वेबसाइट और कंटेंट को शेयर करें। यह आपकी वेबसाइट की दृश्यता यानि के पेज व्यूज को बढ़ा सकता है।
- ब्रांडिंग (Branding): एक मजबूत ब्रांड बनाने को लिए एक अच्छा कंटेंट बनाने पर ध्यान दें। यह लोगों को आपके ब्रांड को याद रखने और आपके वेबसाइट पर आने की संभावना को बढ़ाता है।
SEO के मुख्य दो प्रकार के बारे में आपको उपयुक्त जानकारी दे दी गई है लेकिन आपको बता दें कि ऑन- पेज औऱ ऑफ पेज के अलावा एक टेक्निकल SEO भी होता है जो आपकी वेबसाइट के तकनीकी पहलुओं से संबंधित होता है।
Technical SEO क्या होता है और कैसे काम करता है?
- वेबसाइट स्पीड (Website Speed): सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट तेजी से लोड हो रही है। धीमी वेबसाइट क्योंकि उपयोगकर्ताओं को परेशान कर सकती है जिससे उपयोगकर्ता आपकी वेबसाइट को स्किप कर सकते है और आपके वेबसाइट की सर्च इंजन रैंकिंग को प्रभावित हो सकती है।
- मोबाइल फ्रेंडली (Mobile Friendly): आपके बेसाइट का SEO ऑप्टिमाइजेशन के साथ -साथ आपकी वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली होना भी बहुत जरुरी है क्योंकि अधिकतर उपयोगकर्ता अपने मोबाइल से ही वेबसाइट को खोलते है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट मोबाइल उपकरणों पर अच्छी तरह से दिखाई देती।
- XML साइटमैप: एक XML साइटमैप बनाएं और इसे सर्च इंजन को सबमिट करें। यह सर्च इंजन को आपकी वेबसाइट के सभी अलग- अलग पेजों के बारे में सेपरेटली जानकारी प्रदान करता है।
- HTTPS: SEO को ऑप्टिमाइज करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है कि आप अपनी वेबसाइट को HTTPS प्रोटोकॉल का उपयोग करके सुरक्षित करें।
कुछ अन्य महत्वपूर्ण कारक-
- यूजर एक्सपीरियंस: सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट उपयोगकर्ता के जरुरत को प्राथमिकता (Priority) देती है। एक अच्छी यूजर एक्सपीरियंस सर्च इंजन रैंकिंग को काफी इम्पेकट कर सकता है जिसकी मदद से आपकी वेबसाइट SEO के Result पेज पर सबसे ऊपर दिखाई दे सकती है।
- कंटेंट अपडेट: अपने कंटेंट को नियमित रूप से अपडेट करें ताकि यह ताजा और पूर्ण जानकारी के साथ उपलब्ध रहे।
- SEO मॉनिटरिंग: अपने SEO के परफार्मेंस के सफल होने का पता लगाने के लिए समय- समय पर मॉनिटर करते रहें साथ ही पेज व्यूज की संख्या को चैक करें और अगर आपका SEO सफल नहीं हो रहा तो उसमें समय पर बदलाव करें।
SEO एक लगातार बदलने वाली प्रक्रिया है जो आपके वेबसाइट के अंदर और बाहर दोनों पेजों पर काम करती है। आपको किसी भी वेबसाइट को रैंक कराने के लिए आपको अपने SEO प्रयासों को नियमित रूप से मॉनिटर करना और अपडेट करना होगा। इन बेस्ट प्रैक्टिस का पालन करके ही आप अपनी वेबसाइट की Search Engine Ranking में सुधार कर सकते हैं और अधिक ऑर्गेनिक ट्रैफिक प्राप्त कर अपनी वेबसाइट को टॉप रैंकिंग करा सकते हैं। उम्मीद है कि यह जानकारी आपको लिए उपयोगी रही होगी यदि आपके मन में कोई और सवाल है? तो हमें अपने विचार कमेंट्स में बताएं।